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In A different depiction of hers, she's shown as being a sixteen-calendar year-previous youthful and sweet Woman decorated with jewels having a stunning shimmer and a crescent moon adorned in excess of her head. She's sitting down on the corpses of Shiva, Vishnu, and Brahma.

साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः

Within the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered as a pivotal deity in guiding devotees in direction of Moksha, the final word liberation in the cycle of birth and Dying.

यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे

The choice of mantra sort will not be basically a matter of desire but demonstrates the devotee's spiritual aims and the nature in their devotion. It is a nuanced facet of worship that aligns the practitioner's intentions While using the divine energies of Goddess Lalita.

लक्षं जस्वापि यस्या मनुवरमणिमासिद्धिमन्तो महान्तः

Devotees of Shodashi interact in different spiritual disciplines that aim to harmonize the thoughts and senses, aligning them Using the divine consciousness. The subsequent factors outline the progression in direction of Moksha through devotion to Shodashi:

हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा समाकल्पितैः

ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?

केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) click here नाम से पूजित हैं।

Understanding the importance of such classifications allows devotees to pick out the suitable mantras for their personal spiritual journey, making sure that their procedures are in harmony with their aspirations and the divine will.

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